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(Photo: Social Media) |
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ट्विटर पर यह जानकारी दी और कहा कि विकास ने दोनों देशों के बीच सभ्यताओं को जोड़ कर रेखांकित किया जो "भारत की विकास भागीदारी का महान सांस्कृतिक उदाहरण " भी था। यह एक सभ्यता को दुसरे से जुड़े होने की पुष्टि करता है।
9 वीं शताब्दी के मोनोलिथिक बलुआ पत्थर से निर्मित शिवलिंग को वियतनाम में चल रहे संरक्षण परियोजना में खोज गया है। चाम मंदिर परिसर, वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत में की यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल है। यह मंदिर 9 वीं शताब्दी में राजा इंद्रवर्मन द्वितीय के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।
फ्रांसीसी विशेषज्ञों ने 1 9 03-04 में एक अंतराली स्थिति में मंदिर परिसर की खोज की। उस समय खुदाई के दौरान, फ्रांसीसी पुरातत्त्वविदों ने वर्तमान में नवीनीकृत मंदिरों के समूह में शिव लिंग की उपस्थिति का वर्णन किया था। हालांकि, उन दिनों में सीमित खुदाई क्षमताओं के कारण, यह शिव लिंग को पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सका। इसके बाद, वियतनाम में राजनीतिक गड़बड़ी और युद्धों ने मंदिर परिसर का विनाश कर दिया। विदेश मंत्रालय ने जनवरी में एक नया विकास साझेदारी विभाग (DPA-IV) बनाया ताकि तकनीकी एजेंसियों के परामर्श से योजनाओं के पहचान, योजना और कार्यान्वयन सहित विदेशों में संस्कृति और विरासत संरक्षण परियोजनाओं को समन्वित कर कार्य किया जा सके।
नया विभाग विदेशों में भारत द्वारा किए जा रहे सभी परियोजनाओं संग्रहण के रूप में भी कार्य करेगा, और परियोजनाओं की जानकारी, संस्कृति और विरासत बारे में प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।