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नई दिल्ली. कुछ निर्यातकों ने हांगकांग और चीन के कस्टम विभाग द्वारा भारतीय सामान की खेप रोकने पर चिंता जतायी है. निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने गुरुवार को कहा कि चेन्नई पोर्ट पर भारतीय अफसरों ने इसी तरह की कार्रवाई की है. इसकी प्रतिक्रिया में हांगकांग और चीन के कस्टम विभागों ने यह कदम उठाया है. भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच यह मामला संवेदनशील है.
फियो के अध्यक्ष एसके सर्राफ ने वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान को पत्र लिख कर ध्यान देने को कहा है, कहा हमें जानकारी मिली है कि कस्टम विभाग चीन से आयातित सभी सामानों की खेप की अधिकारियों से एक-एक करके जांच करा रहा है. इससे खेप को मंजूरी में देरी हो रही है. आयात की लागत बढ़ रही है. फियो ने कहा कि चीनी उत्पादों का बहिष्कार कारगर नहीं है. वजह घरेलू उद्योगों का पड़ोसी मुल्क से आने वाले सामान पर निर्भर होना है. भारत चीनी सामान पर निर्भरता को कम कर सकता है जब वह उन स्थानों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाये जिनके लिए वह दूसरे बाजारों पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि भारत का चीन को निर्यात 2019 में 16.5 अरब डॉलर से बढ़कर 16.95 अरब डॉलर हो गया. वहीं चीन से होने वाला आयात 73.8 का रुख यदि बरकरार रहता है तो देश का निर्यात 10-12 प्रतिशत घटने का अनुमान है. रत्न एवं आभूषण, परिधान, फुटवियर, हस्तशिल्प के क्षेत्रों में मांग बढ़ना अभी भी चुनौती है.
70 बिलियन डॉलर का माल आयात किया था भारत ने चीन से वर्ष 2018-19
54 मिलियन डॉलर के भारत के सालाना आयात में चीन की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है.
गणेश प्रतिमा का चीन से आयात समझ से परे वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु के भाजपा कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आयात में कुछ भी गलत नहीं है पर गणेश की मूर्तियों का चीन से आयात समझ से परे है. अगर आयात रोजगार को नहीं बढ़ता, तो यह मतलब है. गणेश प्रतिमा मिट्टी से बनती है.हर साल गणेश चतुर्थी पर स्थानीय कुम्हारों से इसे हम खरीदते हैं. लेकिन आज, आखिर क्यों गणेश की मूर्तियां भी चीन से आयात हो रही हैं.साबनदानी, प्लास्टिक सामान, अगरबत्ती जैसे सामान के आयात पर आश्चर्य जताया. ऐसे उत्पादों का स्तर पर घरेलू कंपनियों और एमएसएमई के जरिये मैन्युफैक्चरिंग होनी चाहिए.
चीनी नागरिकों को कमरा नहीं देंगे दिल्ली के होटल
दिल्ली में छोटे एवं किफायदी दरों पर कमरा देनेवाले 3,000 होटल और रेस्त्रों के संगठन ने चीनी सामान के बहिष्कार के साथ वहां के नागरिकों को कमरा नहीं देने का निर्णय किया है. 'दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसिएशन ने छोटे व्यापारियों के संगठन को पत्र लिखा है.
महासचिव महेंद्र गुप्ता ने कहा कि वे चीनी नागरिकों से कोई बुकिंग' नहीं लेंगे ना ही कोई सेवा देंगे. 3,000 होटल में 6% 'बुकिंग' चीनी टूरिस्टों की होती है.
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