भोपाल में तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना का संक्रमण सेंट्रल जेल तक पहुंच गया है। आज आई रिपोर्ट में भोपाल सेंट्रल जेल में तैनात 26 वर्षीय जेल प्रहरी कोरोना पॉजिटिव आ गया है। जेल प्रहरी के संक्रमित होने के बाद कैदियों व जेल के अन्य कर्मचारियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। आज सुबह आई रिपोर्ट में भोपाल जिले में 199 नए कोरोना पॉजिटिव आए हैं, जिसमें चिरायु अस्पताल के संचालक डॉ. अजय गोयनका के परिवार में तीन साल की पोती व दो महिलाएं शामिल हैं। वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के स्टॉफ के दो और कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। मंत्री के स्टॉफ में अब तक 6 कर्मचारी पॉजिटिव आ चुके हैं। वहीं मप्र विधानसभा में स्थित रेलवे के टिकट काउंटर पर पदस्थ मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक रघुवीर सिंह पटेल की कोरोना से मौत हो गई है। रेलवे कर्मचारी पटेल कोरोना संक्रमित होने के बाद 15 जुलाई को भर्ती किए गए थे।
2 डॉक्टर, 3 पुलिस वाले संक्रमित
आज की रिपोर्ट में गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल के दो डॉक्टर पॉजिटिव आए हैं। यहां आए दिन जूनियर और रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, शाहजहांनाबाद और अयोध्या नगर थाने में पदस्थ एक एक पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं।
यहां भी मिले मरीज
चूनाभट्टी स्थित कृष्ण सोसायटी में एक ही परिवार में छह, सूबेदार कॉलोनी में एक साथ पांच, सहयाद्रि परिसर में एक परिवार में तीन लोग कोरोना पॉजिटिव आए हैं। अरेरा कॉलोनी स्थित बैंक ऑफ इंडिया कालोनी में 1, पुरुषोत्तम नगर समरा कला में एक परिवार में 3, कैलाश नगर समरा कला में 4, फतेह अली कॉम्प्लेक्स शिफा मंजिल 3, जेपी नगर से एक ही परिवार के 2 सदस्यों संक्रमित हो गए हैं।
समय पर मिले इलाज तो...
1 रेलकर्मी की मौत: कोरोना को लेकर इलाज की टाइमिंग की जरूरत के दो उदाह्मण सामने आये हैं। आज सुबह विधानसभा में रेल्वे काउंटर के सुपरवाइजर रघुवीर पटेल की कोरोना संक्रमण बेकाबू होने से मौत हो गई।उन्हें बीती 8 जुलाई को बुखार आया था,उन्होंने विस परिसर स्थित क्लीनिक के डाक्टरों से परामर्श लिया तो इसे सामान्य बुखार बताकर उपचार की सलाह दी गई। तीन दिन में बुखार तेज हो जाने के बाद पटेल को अस्पताल में दाखिल होना पड़ा,जहां उनकी तबीयत कुछ दिन पहले तक स्थिर थी लेकिन आज उनकी मौत हो गई। यदि विधानसभा क्लीनिक से उन्हें कोरोना टेस्ट या फीवर क्लीनिक जाने की सलाह मिलती तो संभव है कि उनकी जान बच जाती।
2 जेलकर्मी खतरे से बाहर जेल मुख्यालय में पदस्थ इकबाल अहमद गंभीर संक्रमण के बाद भी अब खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं। पहले उनकी बेटी को इस वायरस ने चपेट में लिया था।इसके बाद परिवार चौकन्ना हुआ और कोरोना टेस्ट कराया गया। 14 जुलाई को इकबाल भी पॉजिटिव पाए गए। उन्हें चिण्यु अस्पताल में दाखिल किया गया,जहां स्थिति बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा,चार दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद उनकी हालत में सुधार आया और वे आईसीयू में भी कुछ दिन रहने के बाद अब सामान्य वार्ड में हैं उनकी बेटियां भी ठीक हो रही हैं।
भोपाल से गुजरने वाली ट्रेनों में संक्रमण से बचाने वाले पोस्ट कोविड-19 कोच लगेंगे
अब राजधानी से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में कोरोना से बचाने वाले कोच लगेंगे। इन्हें पोस्ट कोविड-19 नाम दिया है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि यात्री कोच के हैंडल को ज्यादा पकड़ते हैं। इसका कोई विकल्प भी नहीं है, क्योंकि ट्रेन में चढ़ते समय हैंडल का सहारा लेना ही पड़ता है। इसलिए इन्हें कॉपर कोटेड किया जा रहा है। ये कपूरथला समेत अलग-अलग रेल कारखानों में तैयार किए जा रहे हैं, जो भोपाल से गुजरने वाली ट्रेनों में लगेंगे और यहां से सफर करने वाले यात्रियों को भी संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी। शुरू में इनकी संख्या सीमित होगी, लेकिन कोरोना की वैक्सीन या दवा तैयार नहीं होती है तो इन्हें बढ़ाया जाएगा। ऐसे कोच तीन से छह महीने के भीतर ट्रेनों में लगने शुरू हो जाएंगे।
संक्रमण से ऐसे बचाएं पोस्ट कोविड-19 कोच
टाइटेनियम डाइऑक्साइड कोटिंग वाली सीटें लगाई जा रही हैं, क्योंकि सीटों को सुरक्षित करना सबसे जरूरी हो गया है। दरअसल, एक ट्रेन जब अपने प्रारंभिक स्टेशन से आखिरी स्टेशन तक चलती है तब तक उस सीट पर दर्जनों यात्री बैठते हैं। इस तरह बीच में उक्त सीट को पूरी तरह सुरक्षित करन पाना मुश्किल होता है। जब कोटिंग वाली सीटें लगा दी जाएंगी तो संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।
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