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चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही लंबी दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली HQ-9 और HQ-16 बैलेस्टिक मिसाइलों को भी तैनात किया है. |
गलवान घाटी (Galwan valley) में चीन ने लंबी दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली HQ-9 और HQ-16 बैलेस्टिक मिसाइलों को तैनात किया है. HQ-9 मिसाइल की रेंज 200 किमी तक है और इसका रडार फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, स्मार्ट बमों या ड्रोन को बड़ी आसानी से पकड़ सकता है. HQ-16 मध्यम दूरी तक जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसकी रेंज 40 किमी तक है.
चीन अपनी रॉकेट फोर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा कर रहा है. 2016 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स 9 (PLARF) को अलग आर्गेनाइजेशन बनाया गया और इसके पास दुनिया में सबसे बड़ा रॉकेट का भंडार है. चीन ने अपने भारी तोपखाने को भी LAC के पास ऐसी जगहों पर तैनात कर दिया है जहां से गलवान घाटी और पेंगांग झील (Pangong lake) के किनारों पर भारतीय सेना के ठिकानों पर भारी गोलाबारी की जा सके.
चीन ने अपनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की संख्या बल को भी बढ़ाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समय चीन और भारतीय सेना की LAC पर तैनाती का अनुपात एक के मुकाबले 6 है. चीनी सेना ने गलवान घाटी, डेपसांग प्लेन, पेंगांग, डेमचौक सहित दक्षिण लद्दाख के चुमुर के सामने भी सेना की तैनाती बढ़ाई है. चीन बातचीत की टेबल पर पीछे हटने की चर्चा और LAC पर फौजों में बढ़ोत्तरी से पता चलता है कि चीन भारत के खिलाफ डबल गेम प्लान कर रहा है.
गौरतलब है कि 30 जून को भारत और चीन के बीच कोर-कमांडर स्तर की बैठक हुई थी ये बैठक भारत की तरफ स्थिति चुशुल में हुई जो करीब 12 घंटे तक चली थी. इस बैठक में तय हुआ था कि दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी ये कोर कमांडर स्तर के बीच हुई तीसरी बैठक थी, इससे पहले 22 जून और 6 जून को भी दोनों सेनाओं के बीच बातचीत हुई थी.
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