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- आर्थिक मोर्चे पर चीन को जवाब देने की हो रही पहल.
- चीन से आयातित सोलर मॉड्यूल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 25% और सोलर सेल्स पर 15% की जाए.
नई दिल्ली. लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा पर हुए हिंसक झड़प के बाद चीन में बने सामानों के बहिष्कार की मांग तेज हुई है. चीन को सबक सिखाने के लिए सरकार ने भी पहल शुरू कर दी है. अब भारत चीन से हो रहे मुक्त व्यापार पर लगाम लगाने जा रहा है.
चीन से आयात होने वाले करीब 1200 से अधिक सामानों पर आयात शुल्क बढ़ने की तैयारी हो रही है. साथ ही सरकार अब किसी भी चीनी वस्तु को मार्केट के जरिये नहीं खरीदारी. सूत्रों के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय ने 1200 वस्तुओं की सूची बना ली है. इनमें कोई आवश्यक वस्तु नहीं है.
चीन से आयात होने वाले करीब 1200 से अधिक सामानों पर आयात शुल्क बढ़ने की तैयारी हो रही है. साथ ही सरकार अब किसी भी चीनी वस्तु को मार्केट के जरिये नहीं खरीदारी. सूत्रों के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय ने 1200 वस्तुओं की सूची बना ली है. इनमें कोई आवश्यक वस्तु नहीं है.
सरकार का मानना है कि इस फैसले से चीनी सामान महंगा हो सकता है लेकिन इसका लाभ भारतीय उद्योगों को मिलेगा, खासतौर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सरकारी विभागों को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) अथवा किसी अन्य सोर्स से चीनी सामान नहीं खरीदने का निर्देश जारी किया है.
30 % कारोबार भी प्रभावित हो सकता है
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, Covid-19 महामारी के बीच भारत का यह कदम इस साल चीन के साथ उसके कारोबार में 30 फीसदी की कमी ला सकता है. अखबार के मुताबिक भारतीयों में चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की मुहिम के साथ ही वहां के बंदरगाह पर 22 जून के बाद से ही चीन से पहुंचने वाले मार्ग की अतिरिक्त कस्टम जांच हो रही है. अखबार में कहा गया है। कि सैनिकों के संघर्ष से पहले भारत ने विदेशी निवेश की सघन जांच की घोषणा की थी, जिसे चीनी कंपनियों के अधिग्रहण को रोकने का कदम माना जा सकता है.
निर्यात से अधिक आयात
तीन दशकों से चीन को निर्यात 30% की दर से बढ़ा है, जबकि आयात 45% की दर से. इसे व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ता गया है. 2019-20 के दौरान चीन से 65.1 अरब डॉलर का आयात किया गया जबकि इसी दौरान सिर्फ 16.6 अरब डॉलर का निर्यात किया गया यानी एक वर्ष में भारत चीन व्यापार में 48.5 अरब डॉलर का व्यापारिक असंतुलन रहा हैं.
कई उद्योगों पर होगा असर
अधिकतर मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान या उनके पार्ट्स चीन से आते हैं. पैरासिटामॉल जैसी दवाएं भी चीन से आ रही हैं.सस्ते आयात से लुधियाना का होजरी उद्योग, साइकिल उद्योग फिरोजाबाद का कांच उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग और बनारस में रेशमी साड़ी उद्योग में प्रभावित हुए हैं.टीवी पैनल के आयात में कमी होगी .
अधिकतर मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान या उनके पार्ट्स चीन से आते हैं. पैरासिटामॉल जैसी दवाएं भी चीन से आ रही हैं.सस्ते आयात से लुधियाना का होजरी उद्योग, साइकिल उद्योग फिरोजाबाद का कांच उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग और बनारस में रेशमी साड़ी उद्योग में प्रभावित हुए हैं.टीवी पैनल के आयात में कमी होगी .
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