हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के फैसले के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक्शन में आ गई है। आज सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्व विभाग और इंदौर जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनवाई गई तमाम गौरव पूर्ण परिसंपत्तियों का विधिवत संधारण करें और इनके विकास व रखरखाव की योजना बनाएं। उन्होंने कहा है कि पूर्व में यदि इन परिसम्पतियों की उचित देखरेख में लापरवाही की गई है तो उसकी जवाबदारी तय करके कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
उल्लेखनीय है कि हाइकोर्ट ने फैसले में कहा है कि अहिल्याबाई होलकर द्वारा निर्मित कई राज्यों में स्थित मंदिर,धर्मशाला और घाट आदि का स्वामित्व मध्य प्रदेश सरकार का होगा।इस फैसले से अब अहिल्या बाई की सभी परिसंपत्तियां जो मुख्य रूप से सार्वजनिक प्रयोजन की हैं उन्हें संरक्षित और विकसित किया जा सकेगा।इन परिसंपत्तियों की कीमत मौजूदा वक्त में करीब 10 हजार करोड रूपये है। मुख्यमंत्री ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई की भावनाओं के अनुरूप परिवर्तित समय में पालन नहीं हो सका।अब मप्र सरकार महेश्वर सहित देवीअहिल्या की इन सभी धरोहरों को संरक्षित करेगी उन्हें शासकीय दस्तावेजों में शामिल किया जाएगा।
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