अपूर्व लाखिया के डायरेक्शन में बने शो 'ब्रेकडाउन में साकिब सलीम एक रॉ एजेंट का रोल कर रहे हैं. वह पहली बार एक्शन अटेंप्ट कर रहे हैं और उन्हें उनकी इस सीरीज का बाकी थ्रिलर्स से कम्पैरिजन किए जाने की परवाह भी नहीं है. कैसे की उन्होंने इस रोल की तैयारी? जानते हैं खुद इस एक्टर से...
'क्रैकडाउन' शो की अनाउंसमेंट के बाद इसे ऑनलाइन रिलीज होने में काफी वक्त लग गया.
'क्रैकडाउन' सीरीज में काफी 'वीएफएक्स' इस्तेमाल किया गया है, जिसके चलते इसमें वक्त लगा. साथ ही, महामारी की वजह से हर स्टूडियो कई महीनों से बंद भी था. मैंने डबिंग के दौरान इसे टुकड़ों में देखा है. पर्सनली, मैं अपने काम को लेकर ज्यादा ही क्रिटिकल रहता हूं. हालांकि, मुझे इंडस्ट्री के अपने साथियों और दिल्ली के अपने दोस्तों से बहुत अच्छा फीडबैक मिला है.
क्या आपका यह नया शो सच्ची घटनाओं पर बेस्ड है?
एक तरफ जहां यह रियल इवेंट्स से इंस्पायर्ड है तो वहीं हमने इसमें फिक्शन भी डाला है. यह सीरीज हमारे देश के उन हीरोज के बारे में है जिनको लेकर ज्यादा बात नहीं होती है, जो बिना किसी को पता लगे देश पर मंडरा रहे खतरों को पहचानकर उन्हें मिटाने की कोशिशें करते रहते हैं. वे पर्दे के पीछे रहकर लगातार काम करते हैं.
पिछले साल मनोज बाजपेयी ने 'द फैमिली मैन के जरिए इस जॉनर में बेंचमार्क सेट किया था. क्या आपको कम्पैरिजन की टेंशन है?
मैं एक एक्टर हूं, मेरा किसी दूसरे से कंपैरिजन होता ही रहा है. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर मेरा कम्पैरिजन मनोज बाजपेयी जैसे शानदार शख्स से हो तो मुझे बहुत खुशी होगी, मैं द फैमिली मैन का बहुत बड़ा फैन हूं.
यह रोल करने के लिए क्या आपने किसी एक्टर से इंस्पिरेशन ली?
एक तरफ जहां यह कहानी बहुत लॉजिक के साथ चलती है और कहीं भी ओवर-द-टॉप' नहीं जाती, वहीं आपको शो में काफी हीरोइज्म भी दिखेगा. कई बार मैं अपने किरदार के करीब जाने के लिए संजय दत्त की परफॉर्मेसेस देखा करता था. मैंने उनकी चाल कॉपी करने की कोशिश की.
क्या आपको महामारी के बीच शूटिंग करने में डर लगा?
पांच महीनों के बाद सेट पर लौटकर मेरा जोश बढ़ गया था, पर शुरुआत के दो दिन डराने वाले थे. मुझे लगा कि मैं किसी साइंस-फिक्शन फिल्म के सेट पर आ गया हूं, जहां हर कोई शील्ड्स, ग्लव्स और पीपीई सूट्स पहने था. मैं नर्वस था कि मैं अपने किरदार में कैसे करेगा जबकि मेरे दिमाग में महामारी का ख्याल चल रहा है. 33 दिनों के शेड्यूल में मैंने कम से कम छह-सात टेस्ट करवाए.
आप अपने करियर में पहली बार 'फुल-ऑन एक्शन अवतार में नजर आ रहे हैं.
मुझे रियाज पठान की पर्सनैलिटी और इमोशनल पहलू हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. मेरा किरदार अपने बीते कल के अंधेरे का सामना कर रहा है और उसे अपना काम भी पूरी शिद्दत से करना है. एक्शन भी डांसिंग की तरह है, एक बार जब यह आपके ऊपर हावी हो जाता है तो आपके अंदर जोश भर देता है. मैं कई बार चोटों के साथ होटल लौटता था, पर मुझे अफसोस नहीं हुआ क्योंकि मुझे मजा आ रहा था.एक साल से मैं किक बॉक्सिंग की ट्रेनिंग कर रहा था, जिससे मुझे काफी मदद मिली. एक्शन डायरेक्टर जावेद करीम ने तीन फाइटर्स भी मेरे साथ लगा दिए थे, जिन्होंने मुझे चार महीने ट्रेनिंग दी.
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