अब जॉनसन एन्ड जॉनसन ने भी अपनी कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) ट्रायल पर रोक लगा दी है। कंपनी ने कहा है कि उसने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी के कारण अपने ट्रायल को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इसके पहले एस्ट्राजेनेका ने भी ब्रिटेन के ऐसे ही मामले के बाद ट्रायल पर रोक लगाई थी।
हालांकि यूके, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत में परीक्षण फिर शुरू हो गए हैं, लेकिन सख्त कानूनी प्रक्रिया के चलते अमेरिकी में ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि किसी भी वैक्सीन की शोध प्रक्रिया की एक स्पष्ठ पद्धति है और लैब के पश्चात एनिमल ट्रायल में सुरक्षित पाए जाने पर ही स्वेच्छिक मानव समूहों पर पहली दो ट्रायल फेज की अनुमति मिलती है उसमे सुरक्षित पाए जाने परतीसरी बड़ी ट्रायल फेज की अनुमति दी जाती है लेकिन दवा माफिया के दबाव में अंधाधुंध नीति, नियम विरुद्ध किये जा रहे ट्रायल लगातार फेल हो रहे हैं।
वहीं दवा कंपनियों के आंकड़े लगातार संदेह में हैं। दूसरी और दुनियाभर में संक्रमण फैलाने में अपराधी साबित हुआ चीन बिना किसी को जानकारी दिए अपनी कोरोना वेक्सीन नागरिकों और मित्र देशों को उपलब्ध करा चुका है। दुबई में फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को वेक्सीनेट करने का काम शुरू भी हो चुका है, इससे साबित होता है, कि कोरोना फैलाया भी उसीने और दुनिया को लूटने, उपचार, वेक्सीन भी उसके पास तैयार थे। इसीलिए पूरी दुनिया के लिए जानलेवा बना संक्रमण चीन में न सिर्फ वुहान के बाद कंट्रोल कर लिया बल्कि बाकी क्षेत्रो में पनपने भी नहीं दिया।
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