फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड में एमेजॉन की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एमेजॉन ने इससे पहले कर्ज से परेशान फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक किशोर बियानी को वित्तीय सांझेदार और निवेशक ढूंढने में मदद की थी। फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ कानूनी केस फाइल करने के बाद भी एमेजॉन फ्यूचर ग्रुप के लिए नया निवेशक लाने के लिए तैयार है।
अभी हाल में ही अमेरिकन ई-कॉमर्स कम्पनी एमेजॉन ने किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटरों को कानूनी नोटिस भेजा था। एमेजन का कहना था कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ डील में एक नॉन-कंप्लीट कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन किया है। कम्पनी का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप बिना एमेजॉन की इजाजत के रिलायंस के साथ अनुबंध नहीं कर सकती।
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील से परेशान एमेजॉन
फ्यूचर ग्रुप की मदद के लिए एमेजॉन का प्रस्ताव इसलिए भी आया है क्योंकि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील से एमेजॉन के लिए भारत में प्रतियोगिता बढ़ जाएगी। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस देश के ऑफलाइन रिटेल कारोबार में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है। एमेजॉन ने इससे पहले समारा कैपिटल इक्विटी फंड के साथ मिलकर साल 2018 में आदित्य बिड़ला ग्रुप (Aditya Birla Group) की सुपरमार्कीट चेन मोर का अधिग्रहण किया था।
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील
अगस्त के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की थी कि उसकी सहायक कम्पनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के रिटेल और होलसेल कारोंबार, लॉजिस्टिक्स व वेयर हाउस कारोबार का अधिग्रहण कर रही है। ये सौदा करीब 24,713 करोड़ रुपए में हुआ।
एमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप की डील
बीते साल अगस्त 2019 में एमेजॉन ने फ्यूचर कंपनी में निवेश किया था। इस निवेशकेतहत एमेजॉन को फ्यूचर ग्रुप में कुछ अधिकार अनुबंध के कारण मिले थे। नॉन-कंप्लीट क्लॉज इसी के तहत आता है। नोटिस में कहा गया है कि फ्यूचर ग्रुप ने डील की शर्तों को पूरा नहीं किया है। फ्यूचर रिटेल देशभर में बिग बाजार, एफ.बी.बी. फूडहॉल और ईजीडे क्लब ब्रांड्स के तहत 1,000 से भी अधिक स्टोर्स चलाती है।
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