आईआआईटी बॉम्बे ने दावा किया है कि सर्जिकल मास्क 7 और एन -95 मास्क 23 गुना तक कोरोना का कारण बनने वाले कफ की पहुंच को कम कर सकता है
दुनियाभर में लोगों के लिए मुसीबत बने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दौड़ जारी है। हालांकि कई जगह वैक्सीन बनने के दावे भी किए गए लेकिन फिलहाल कोरोना से बचने के लिए फेसमास्क ही लोगों का एकमात्र सहारा बना हुआ है। वहीं अलग-अलग तरह के मास्क और उनकी सुरक्षा क्षमता पर भी कई दावे किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में आईआआईटी बॉम्बे ने दावा किया है कि सर्जिकल मास्क 7 और एन -95 मास्क 23 गुना तक कोरोना का कारण बनने वाले कफ की पहुंच को कम कर सकता है। अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स द्वारा मंगलवार को एक जर्नल में प्रकाशित किया गया यह अध्ययन कोविड -19 रोगी की खांसी से दूषित वायु में वायरस की मात्रा का अनुमान लगाने के लिए किया गया है। आईआईटी-बॉम्बे के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े प्रोफेसर अमित अग्रवाल और रजनीश भारद्वाज ने ये अध्ययन किया है।
निष्कर्षों से पता चला है कि एक कोविड - 19 रोगी की खांसी के आठ सेकंड बाद तक, निलंबित एक्सहेल्ड बूंदों के रूप में हवा को पार कर जाता है, जहां वायरल संक्रमण का स्तर 23 गुना ऊपर जाने की संभावना होती है। शोधकर्ताओं ने कहा एक एन 95 मास्क न केवल कोविद -19 रोगी द्वारा निकाले गए वायरस की बूंदों की संख्या में कटौती करता है, बल्कि व्यक्ति द्वारा उत्पादित संक्रमित हवा की मात्रा को भी कम करता है।
गौरतलब है कि दुनिया की तरह भारत में भी इस खतरनाक वायरस से लड़ाई जारी है। देश में 54,366 नए कोविड-19 संक्रमण के साथ, भारत के कुल मामले 77,61,312 हो गए। इसके अलावा 690 नई मौतों के साथ, मरने वालों की कुल संख्या 1,17,306 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 20,303 की कमी के बाद कुल सक्रिय मामले 6,95,509 हैं। साथ ही पिछले 24 घंटे में 73,979 नए डिस्चार्ज के साथ कुल ठीक हुए मामले 69,48,497 हो चुके हैं। देश में मृत्यु दर और सक्रिय मामलों की दर में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.517 हो गई। इसके अलावा सक्रिय मामले जिनका इलाज चल है उनकी दर भी 10 फीसदी से कम है। वल्डोमीटर के मुताबिक, सक्रिय मामले और कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।
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