मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (Mumbai- Ahmedabad bullet train project) के निर्माण कार्य का कॉन्ट्रैक्ट भारतीय कंपनियों को दिया जाएगा. यह कुल निर्माण कार्य का 72 परसेंट होगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान को इससे मजबूती मिलेगी. रेलवे बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीके यादव ने बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के हाई वैल्यू टेक्निकल कार्य जैसे ब्रिज और टनल निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट भारतीय कंपनियों के पास रहेगा. वहीं, जापान की कंपनियों को सिग्नल, इलेक्ट्रिक और टेलीकॉम का काम मिलेगा. बुलेट ट्रेन की 508 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के लिए आने वाली अनुमानित लागत 1.10 लाख करोड़ रुपए होगी, इसमें से 88 हजार करोड़ रुपए की राशि जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी भारत को कर्ज देगी.
इसलिए प्रोजेक्ट में देरी
बुलेट ट्रेन परियोजना में देरी इसलिए हुई क्योंकि भूमि अधिग्रहण में देरी हुई. फिलहाल गुजरात में 90 परसेंट जमीन अधिग्रहित हो चुकी है. वही, 10 परसेंट अधिग्रहण इसी साल 31 दिसंबर तक पुरा हो जाएगा. नेशनल रेल प्लान 2030 तैयार है, इसे अगले महीने जारी किया जाएगा.
2 घंटे में सफर पूरा
- मुंबई-अहमदाबाद के बीच दूरी 508 किलोमीटर है.
- बुलेट ट्रेन से यह सफर केवल 2 घंटे में तय की जा सकेगी.
- सामान्य ट्रेन से यात्रा में 7 घंटे का समय लगता है.
- बुलेट ट्रेन की रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. बुलेट ट्रेन की सीटों में ऑटोमेटिक रोटेशन फैसिलिटी भी दी जाएगी.
12 स्टेशन को करेगी कवर
मुंबई-अहमदाबाद के बीच यह ट्रेन 12 स्टेशनों को कवर करेगी. इसमें बादा कुर्ला काप्लेक्सयही से ट्रेन यात्रा शुरु करेगी), थाने, विरार, बोईसर, वापी, दिलमोरा, सूरत, भरूच, बड़ौदा, आनंद, साबरमती और अहमदाबाद रेलवे स्टेशन (आखिरी स्टेशन) शामिल है. इस प्रोजेक्ट के सक्सेसफुल होने के बाद इसे देश में और भी कई रूट्स पर चालने का प्लान बनाया जा रहा है.
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