एमी अवॉर्ड्स में 'बेस्ट ड्रामा सीरीज' का खिताब अपने नाम करने वाले शो 'दिल्ली क्राइम ने अपना नाम स्पेशल कैटेगरी में दर्ज करा लिया है. इसमें अहम किरदार निभाने वाली शेफाली शाह और रसिका दुग्गल ने बताई आज के वक्त में इस सीरीज की अहमियत 48वें इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स में रिची मेहता के डायरेक्शन में बने शो दिल्ली क्राइम ने 'बेस्ट ड्रामा सीरीज' का अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. जाहिर है कि इस खबर से इसकी लीड एक्ट्रेस शेफाली शाह बहुत एक्साइटेड हैं. एक तरफ जहां उन्होंने बताया कि वह लगातार बधाईयों वाली कॉल्स और मैसेज हैंडल कर रही हैं, तो उनका यह भी कहना था कि वह इस जीत का जश्न अपनी पूरी टीम के साथ मनाना चाहती हैं. वह कहती हैं, 'मैं रियल जश्न चाहती हूं जहां हम सब साथ मौजूद हों, पर भगवान जाने यह कब मुमकिन होगा.
महिलाओं को डेडिकेट किया अपना यह अवॉर्ड
2012 के निर्भया केस में दिल्ली पुलिस की जांच पर बेस्ड नेटपफ्लिक्स की इस सीरीज ने जर्मनी की चैराइट 2. यूके के क्रिमिनल यूके और अर्जेंटीना के दब्रोज गार्डन सीजन 2 को मात देकर यह कामयाबी हासिल की है. शेफाली का कहना है, 'अवॉर्ड शो से पहले मैंने रिची से कहा था कि मुझे नही पता कि कोई दूसरा शो यह शाबाशी डिजर्व भी करता था. अपनी स्पीच में डायरेक्टर रिची ने यह अवॉर्ड उन सभी महिलाओं को डेडिकेट किया, जिन्होंने न सिर्फ मर्दा की तरफ से मिले वॉयलेंस को झेला, बल्कि उन्हें बाद में प्रॉब्लम सॉल्व करने की जिम्मेदारी भी दी गई.
इंसाफ के साथ खड़ा हुआ दिखा था शो
दिल्ली गैंगरेप केस की तह तक जाने वाली चालाक और हिम्मती डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी के किरदार में शेफाली ने जान फूंक दी थी. इसके बारे में बात करते हुए वह कहती हैं, 'यह शो न सिर्फ महिलाओं के साथ, बल्कि इंसाफ के साथ खड़ा होता है. जब 2012 दिल्ली बस गैगरेप की खबर आई थी तो हम सभी को लगा था, 'कोई कुछ कर क्यों नहीं रहा? जब तक यह सीरीज मेरे सामने नही आई, मुझे कहानी का यह पहलू नहीं पता था. जहां इस सीरीज में पीड़ित का दर्द और सदमा दिखाया गया, वहीं इसने यह भी दिखाया कि केस सुलझाने और इंसाफ पाने के लिए भी एक औरत की जरूरत पड़ी.
...ताकि फिर न हो ऐसी कोई घटना
सीरीज में आईपीएस ऑफिसर नीति सिंह का रोल करने वाली रसिका दुग्गल भी इस जीत से पूरे जोश में है. इस मौके पर वह देश में महिलाओं के खिलाफ देश में तेजी से बढ़ रहे वॉयलेंस के मुद्दे को भी हाईलाइट करती है, उनके मुताबिक, 'आंकड़ों की माने तो, 2018 के बाद से महिलाओं के खिलाफ होने वाले वॉयलेंस के मामले बढ़े है. ऐसे में, इस सीरीज की असली जीत तब होगी जब यह हमें याद दिलाने का काम करे कि एक सोसाइटी के तौर पर हमने निर्भया रेप केस जैसा क्राइम होने दिया और हमें लगातार खुद के अंदर झांकते रहना होगा.
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