एक्ट्रेस कंगना रनोट जो बॉलीवुड से लेकर देश में चल रहे मसलों पर अपनी राय बेबाकी से रखती हैं, ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर फ्रांस में हुई एक टीचर की हत्या के मसले पर भी अपनी राय सामने रखी है. उधर कनाडा के प्राइम मिनिस्टर जस्टिन टूडो ने इस हमले को लेकर कहा है कि 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' की कुछ लिमिट्स होती हैं. उनके इस बयान पर कंगना ने कहा, 'डियर जस्टिन, हम एक आईडियल दुनिया में नहीं रहते हैं. लोगों को करना तो नहीं चाहिए पर वे रोज सिग्नल तोड़ते हैं, ड्रग्स लेते हैं, दूसरों को मॉलेस्ट करते हैं और दूसरों के सेंटिमेंट्स को हर्टकरते हैं. अगर हर छोटे क्राइम की सजा एक-दूसरे का गला काटना है तो हमें प्राइम मिनिस्टर और किसी 'लॉ एंड ऑर्डर' की क्या जरूरत है?
लोगों को नास्तिक होने का हक है
उन्होंने आगे लिखा, 'कोई अगर राम, कृष्ण, मां दुर्गा या किसी भी भगवान चाहे अल्लाह हों, ईसा मसीह हों, का कार्टून बनाता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए. अगर वर्कप्लेस या सोशल मीडिया पर कोई ऐसा करता है तो उसे सजा देनी चाहिए, उसका अकाउंट सस्पेंड करना चाहिए, अगर खुलेआम कोई ऐसा करता है तो उसे छह महीने के लिए जेल भेजना चाहिए, लोगों को नास्तिक होने का हक है. मैं यह चुन सकती हूं कि मुझे आपके गॉड में यकीन नहीं है, यह कोई क्राइम नहीं है. मैं यह बता सकती हूं कि कैसे मैं आपके धर्म से सहमत नहीं हूं. यही है 'फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' मेरी आवाज के साथ रहना सीखें. आपने मेरा गला काटना सीख लिया है क्योंकि आपके पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं है, खुद से पूछे.'
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