नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संघों के प्रमुख आज एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं। सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होने वाली यह भूख हड़ताल आंदोलन को तेज करने की किसानों की योजना का हिस्सा है। किसान देशभर में जिला मुख्यालयों पर उपवास कर रहे हैं। इस बीच किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर नेशनल हाईवे-9 (National Highway-9) पर जाम लगा दिया है। राजस्थान और हरियाणा में कई रास्तों पर जाम के समाचार हैं।
हरियाणा-राजस्थान सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां पर दो किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, उनका कहना है कि अबतक आंदोलन में 11 किसान शहीद हो चुके हैं। ऐसे में सरकार को जिद छोड़नी चाहिए। यहां राजस्थान का पारंपरिक कठपुतली डांस भी दिखाया जा रहा है, इसके जरिए किसान अपने आंदोलन को धार दे रहे हैं. भूख हड़ताल पर बैठे किसानों के समर्थन में अन्य जगहों से भी लोग आ रहे हैं।
किसानों में कोई दरार नहीं : राकेश टिकैत
किसान संगठनों में फूट की खबरों के बीच भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों में कोई फूट नहीं है। भाकियू के तीन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के समझौता करने वाली बात से आहत थे। भाकियू गुट के राष्ट्रीयअध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद रास्ता खोलने का निर्णय लिया था।
खुद गृहमंत्री शाह ने कहा था 23 फसलों की नहीं होगी MSP पर खरीदी: किसान
सरकार लगातार किसानों को मनाने की कोशिश कर रही है और उपज को एमएसपी पर खरीदी का वादा भी कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज किसानों के मामले पर अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि सरकार एमएसपी के मसले पर गुमराह कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने खुद कहा था कि सरकार 23 फसलों को एमएसपी पर नहीं खरीद सकती है, क्योंकि इससे 17 लाख करोड़ का खर्च होता है।
कानून रद्द करने और किसानों को बॉर्डर से हटाने पर 16 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
कृषि कानूनों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसे लेकर दो याचिकाएं दायर की गई हैं। एक याचिका कानूनों को रद्द करवाने के लिए लगाई गई है, वहीं दूसरी याचिका में किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाने के लिए लगाई गई है। दोनों याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 16 दिसंबर को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच में इसकी सुनवाई होगी। किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने की अर्जी लगाने वाले लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा का कहना है कि किसान आंदोलन के चलते सड़कें जाम होने से लोग परेशान हो रहे हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है।
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