एक ऐसी इंडस्ट्री में, जहां एक्टर्स को उनकी स्ट्रेंथ देखते हुए 'टाइपकास्ट' कर दिया जाता है, वहां अरशद वारसी की परफेक्ट कॉमिक टाइमिंग ने उन्हें कॉमेडी फिल्मों में लगातार काम दिलवाया है. हालांकि, अपनी आखिरी फिल्म में वह हल्के-फुल्के रोल्स को पीछे छोड़ते हुए एक पॉलिटीशियन का रोल करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है, 'मैं अच्छी फिल्में करना एंज्वॉय करता हूं, जॉनर मेरे लिए मायने नहीं रखता. किसी भी दूसरे जॉनर से ज्यादा कॉमेडी फिल्में बनती हैं, जिसके पीछे का मकसद सिर्फ बिजनेस होता है, और मैंने भी ऐसी फिल्में बहुत की हैं. कॉमिक स्पेस से बाहर आकर कुछ अलग करना अच्छा लगता है, यह मेरे अंदर के एक्टर को भी जिंदा रखता है.'
कैमरा चलते ही पल भर में हो जाते हैं सीरियस
जब उनसे पूछा गया कि क्या सीरियस रोल्स को लेकर उनकी अप्रोच कॉमेडी एक्ट से अलग होती है, तो उनका जवाब था, 'जब मैं सेट पर जाता हूँ तो हंसी-मजाक करना एंज्वॉय करता हूं, फिर फिल्म चाहे कॉमेडी हो या हॉरर एक बार जब कैमरा रोल होना शुरू कर देता है, तब मैं वह करने लगता हूं, जो उस सीन की जरूरत होती है. मेरी लेटेस्ट फिल्म में मुझे वो करने को मिल रहा था, जो मैं अक्सर नहीं करता हूं. मैंने ऊपरवाले का शुक्रिया अदा किया कि मुझे फिर 'स्टीरियोटाइप' रोल नहीं ऑफर किया गया.
जॉब और जिंदगी से हैं खुश
भले यह एक्टर पर्दे पर पॉलिटिक्स खेलना नजर आ रहा हो, पर ऑफ- स्क्रीन वह पॉलिटिक्स से दूर रहना पसंद करते हैं. उनके मुताबिक, 'पॉलिटिक्स को लेकर मेरी समझ जीरो है और मुझे यह कहने में जरा भी शर्मिंदगी महसूस नहीं होती है. मुझे मेरी जॉब, फैमिली और जिस बंद दुनिया में मैं रहता हूं, वह बहुत पसंद है. मुझे इससे ज्यादा कुछ भी जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है,
लोग निगेटिविटी को रखना चाहते हैं खुद से दूर
जब उनसे इस बात का जिक्र किया गया कि जब स्टार्स मौजूदा माहौल में किसी मुद्दे को लेकर चुप्पी साध लेते हैं, तो उसे उनका सरेंडर समझ लिया जाता है. तब अरशद बोले, यह एक तरह से डिफेंस मैकेनिज्म की तरह काम करता है, क्योंकि लोग नहीं चाहते कि किसी भी तरह की निगेटिविटी उनकी जिंदगी में आए. अगर कोई चीज आपको नुकसान पहुंचा रही है, तो बेहतर है कि आप उससे दूर रहें. मुझे नही पता कि कोरोना वायरस महामारी के अलावा और क्या चल रहा है.'

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