दुर्गामती (Durgamati) अनुष्का शेट्टी की तेलुगू फिल्म भागमती का हिंदी रीमेक है. यह ऐसी फिल्म है, जिसमें एक-एक दृश्य तेलुगू फिल्म से लिया गया है, पर इसमें वह इमोशन या कनेक्शन मिसिंग है.
क्या है इसकी कहानी?
फिल्म की कहानी एक राज्य के जल संसाधन मंत्री ईश्वर (अरशद वारसी) पर बेस्ड है, जो सत्ता हासिल करना चाहता है. इस पूरे खेल में एक आम लड़की कैसे मोहरा बनती है और किस तरह उसकाइस्तेमाल होता है, यही फिल्म की कहानी है. ईश्वर का पर्दाफाश करने के लिए सीबीआई उसकी 10 सालो तक सचिव रही चंचल चौहान (भूमि पेडनेकर) को लेकर जांच बैठाती है. पर कहानी में ट्विस्ट यही है कि आईएएस अफसर चंचल पर अपने मंगेतर (करण कपाड़िया) की हत्या का आरोप है. वह जेल में है, पर बाहर आती है. एक सुनसान जंगल के बीच एक महल में उसे रखा जाता है, जहां से शुरू होती है दुर्गामती की कहानी, कौन है दुर्गामती, उस महल का राजक्या है, क्या वाकई वहां कोई आत्मा है, क्या दुर्गामती और चंचल का कोई कनेक्शन जुड़ता है, क्या ईश्वर का सच सामने आता है? पूरा खेल आप तब समझ पाएंगे, जब यह बोरिंग फिल्म देखेगे.
क्या पसंद नहीं आया?
कहानी बहुत बोरिंग और प्रेडिवटेबल है. भूमि ने जो मोनोलॉग दिया है, वह भी उबाऊ है. कई मुद्दे उठाए गए हैं, जैसे राजनीति में वंशवाद, भ्रष्टाचार, मंदिर, जल संकट, पर सब ऊपरी-ऊपरी तरह से दिखाया गया है. यही वजह है कि फिल्म किसी भी एक मुद्द के साथ न्याय नही करती. माही गिल का बंगाली और हिंदी भाषा को मिक्स करके बोलना खटकता है.क्लाइमैक्स पूरी तरह मेलो ड्रेमेटिक है. निर्देशक दक्षिण के है, तो उन्होंने फिल्म का पूरा टोन वैसा ही रखा है, जो अच्छा नही लगता. बैकग्राउंड स्कोर, कहानी, निर्देशन और अभिनय पक्ष कमजोर है. हॉरर के लिहाज से भी यह टेक्निकली बुरी फिल्म है.
क्या अच्छा है इसमें?
कहानी का कासेप्ट अच्छा है. राजनीति को लेकर आम लोग किस तरह मोहरा बनते हैं, इसे बखूबी दिखाया गया है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है.
एक्टिंग परफॉर्मेस
भूमि ने अब तक की अपनी सबसे खराब परफॉर्मेस दी है. वह अपने लुक और अभिनय, दोनों से प्रभावित करने में नाकाम रही. अरशद वारसी बहुत बोर करते हैं. करण कपाड़िया को अब अपना एक्टिग का बुखार उतार लेना चाहिए जिशु सेनगुप्ता और बाकी किरदारों के लिए कुछ करने का स्पेस ही नहीं था.
फाइनल वर्डिक्ट
जिन्होंने ओरिजनल फिल्म देखी है, उन्हें और नए दर्शको, दोनों को रास नहीं आने वाली है यह फिल्म.

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